A Review Of piles treatment medicine
Wiki Article
अधिक वजन उठाना: अधिक वजन उठाते समय सांस रोकने से गुदा पर दबाव बढ़ता है। लंबे समय तक ऐसा करने से गुदा की नसों में सूजन होने लगती है जिससे बवासीर की संभावना बढ़ जाती है।
अगर आप पाइल्स का इलाज करवा करें हैं या बवासीर से पीड़ित हैं तो इन चीजों का परहेज करना बहुत जरूरी हैः-
इसमें भी असहनीय पीड़ा होती है, और रोगी दर्द से छटपटाने लगता है। मलत्याग करते समय, और उसके बाद भी रोगी को दर्द बना रहता है। वह स्वस्थ तरह से चल-फिर नहीं पाता, और बैठने में भी तकलीफ महसूस करता है। इलाज कराने से यह समस्या ठीक हो जाती है।
इसे रुई पर लगाकर प्रभावित जगह पर लगाने से काफी राहत मिलती है.
और पढ़ें – पाइल्स के दर्द में गोभी के फायदे
आहार में ताजे फल और सब्जियां शामिल करें
एलोवेरा जेल: ताजे एलोवेरा जेल को गुदा क्षेत्र पर लगाने से सूजन और दर्द में राहत मिलती है।
प्रोलैप्सड पाइल्स: जब आंतरिक और बाहरी दोनों पाइल्स गुदा के बाहर खिंचते और उभरते हैं
पीड़ित व्यक्ति को मल त्यागने में ब्लीडिंग हो सकती है।
जयादा पानी पीने से कब्ज की समस्या नहीं होती है जिससे मल त्याग करते समय तनाव कम हो जाती piles treatment in homeopathy है
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में सर्जरी ही इसका एकमात्र समाधान है, और सर्जरी के बाद भी यह रोग दोबारा हो जाता है। इसलिए घरेलू उपचार और बेहतर जीवनशैली अपनाना चाहिए। इससे बवासीर के दोबारा होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
कम्प्यूटराइज्ड एग्जामिनेशन: कम्प्यूटर की मदद से रेक्टल एग्जामिनेशन के दौरान डॉक्टर मलाशय (रेक्टम) में एक दस्तानेयुक्त, नमीयुक्त उंगली को एम्बेड करते हैं और असामान्य गांठ का पता लगाते हैं। यह प्रक्रिया आंतरिक बवासीर की जांच के लिए की जाती है। आंतरिक बवासीर को आमतौर पर महसूस नहीं किया जा सकता। इस स्थिति में अगर मरीज को अधिक दर्द और ब्लीडिंग होती है तो डॉक्टर रेक्टम जांच को रोक देते हैं।
दस्त: बार-बार और लगातार दस्त की शिकायत होने पर बवासीर हो सकता है।
भोजन में घी, दूध और कद्दू का उपयोग करें।